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लोककथा

ताकि शान्ति बनी रहे

खलील जिब्रान


पूनम का चाँद शान के साथ शहर के आकाश में प्रकट हुआ। शहर भर के कुत्तों ने उस पर भौंकना शुरू कर दिया।

केवल एक कुत्ता नहीं भौंका। उसने गुरु-गम्भीर वाणी में अपने साथियों से कहा, "शान्ति को भंग मत करो। भौंक-भौंककर चाँद को धरती पर मत लाओ।"

सभी कुत्तों ने भौंकना बन्द कर दिया। नीरव सन्नाटा पसर गया।

लेकिन उन्हें चुप करने वाला कुत्ता रातभर भौंकता रहा - ताकि शान्ति बनी रहे।


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